किसी का इंतज़ार था, दिल ग़म से बेज़ार था! करना उसका दीदार था, दिल उसका तलबगार था! पथरा गई आँखें मगर दिल उसके प्यार में गिरफ्तार था! मैंने लिख दी ज़िंदगी उसके नाम मेरी कहानी का कहानीकार था! आगे राम करे सो होए अब वही कथानक वही सार था! किसी का इंतज़ार था, दिल ग़म से बेज़ार था! किसी का इंतज़ार था... किसी का इंतज़ार था, दिल ग़म से बेज़ार था! करना उसका दीदार था, दिल उसका तलबगार था!