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पुष्प कभी परमात्मा के चरणो में तो कभी आत्मा के स्

पुष्प कभी परमात्मा के चरणो में 
तो कभी आत्मा के स्वर्गवास होने पर ,
कभी किसी कार्य के प्रारम्भ में,
तो कभी किताब के पन्नो में अपने अंत तक,
कभी किसी स्वागत सत्कार में 
तो कभी किसी समारोह व सभा आयोजन में,
कभी किसी गर्दन में माला बन कर,
तो कभी किसी बगीचे की शोभा बन कर,
अपने कर्तव्य को निभाते हैं,
 खुद काँटो में पलते हैं,
किंतु अपनी खुशबू से हर पतझड़ के बाद बहार ले आते हैं!

©Abhishek Jha
  पुष्प
abhishekjha8206

Abhishek Jha

New Creator

पुष्प #Poetry

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