मैं साक्षी बिहार से, उम्र नन्ही सी हैं अभी लेकिन लिखने पे ज़ोर हैं,दिलों की जज़्बात और ज़िन्दगी के अफसाने अक्सर पन्नो पे उतार लिया करती हूँ ज़िंदगानी में तकलीफे बेसुमार हैं फिर भी जीने की चाह हैं.. अकेले ही आँशु पोछ मुस्कुरा लेती हूँ अपनी तकलीफे खुद ही दूर कर डालती हूँ बिहारी हूँ जनाब हर हाल मे जीना जानती हूँ ©Shakshi #bihari #shakshikumari