दहशतों में ज़माना,और हैं ज़माने बाले, आज मुश्किलें में हैं,दो रोटी कमाने बाले। वक़्त बदला तो मुँह से निबाले छिन गए, खाली हाथ लौटते हैं रोज़ी कमाने बाले। ©gustakhiyaan #NojotoQuote दहशतों में ज़माना,और हैं ज़माने बाले, आज मुश्किलें में हैं,दो रोटी कमाने बाले। वक़्त बदला तो मुँह से निबाले छिन गए, खाली हाथ लौटते हैं रोज़ी कमाने बाले। ©gustakhiyaan