( मौत मेरी ख़ास रहेगी ) पार्ट-2 मायूस मत होना की अब दिख नहीं पाऊंगी, खुश रहना की किसी वजह से याद तो आऊंगी, किसी एक शख्स की भी हंसी की वजह बन पाई तो बेवजह तो नहीं कहलाऊंगी... मेरी तरफ से तुम्हें सुकून मिले जाते-जाते और क्या ही चाहुंगी। खुद टूटी थी वो , मुझे हिम्मत दी , बताना सबको जब जरूरत थी। जो नहीं कह सकते थे, वो उसने कहा जज़्बात हमारे बयान उसने किए। अभी कान लगा के सुनते हो, तब दिल से मेरी आवाज़ सुनना। कितने ही राज और खुलते जाएंगे तुम अभी की तरह महसूस करना। मूंद लेना आंखें मै आऊंगी मिलने, सुन- सुन के दोहराना अल्फ़ाज़ मेरे, सफर में कहीं, कभी सोने से पहले, मै रहूं ना रहूं , मेरी आवाज़ तो चलेगी। जब मै ना रहूं ,मेरी आवाज़ रहेगी, जीते जी बेमतलब रही ,पर मौत मेरी ख़ास रहेगी।। Sejal Verma. मै रहूं ना रहूं......