मै हूँ वक़्त तेरा, तू बन्दगी मेरी, मैं राही हूँ , तू मंजिल मेरी ।। सोम सा दिखती है तू व्योम तक, मैं रास्ता तलाश रहा आज भी सहर तक ।। शादी की सालगिरह