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एक रोज जिंदगी के रुबरू आ बैठे, जिंदगी से पूछा दर्

एक रोज जिंदगी के रुबरू आ बैठे, 
जिंदगी से पूछा दर्द क्या है??? क्यों होता है??
 कहाँ होता है, ये भी नहीं पता चलता!
तन्हाई क्या है, आखिर कितने लोग हैं, 
फिर तन्हा क्यों हूं......
 मेरा चेहरा देख कर जिंदगी ने कहा..
 मैं तुम्हारी जुड़वा हूं मुझसे नाराज ना हुआ करो🌺😊 From 2 years ago........ Kisi khaas ne di thi ye lines ❤️aaj ye lines to हैं पर wo शख्स nhi 🙂💛💝
एक रोज जिंदगी के रुबरू आ बैठे, 
जिंदगी से पूछा दर्द क्या है??? क्यों होता है??
 कहाँ होता है, ये भी नहीं पता चलता!
तन्हाई क्या है, आखिर कितने लोग हैं, 
फिर तन्हा क्यों हूं......
 मेरा चेहरा देख कर जिंदगी ने कहा..
 मैं तुम्हारी जुड़वा हूं मुझसे नाराज ना हुआ करो🌺😊 From 2 years ago........ Kisi khaas ne di thi ye lines ❤️aaj ye lines to हैं पर wo शख्स nhi 🙂💛💝