बोलने लगे तो अल्फाज खामोशी मॆं लगे जो जज्बात संचारित होने लगे तो आदान -प्रदान यहीं तो कहलाये शब्दों की दास्तान कभी विचारों को प्रकट करने के रूप मॆं कभी लाखों गिर्हो को सुलझाएँ जो आखिर वहीँ होते है शब्दों की व्याकरण के पैमाने जिनको हर कोई कैसे जाने जो उतरे गहरे हिन्दीकला मॆं वो ही गहनता पूर्वक शब्दों की व्याकरण सौहद्र और अर्थयुक्त पहचाने । # स्वातिकीकलमसे । #NojotoQuote #nojopoemby#swatikikalamse