दुख की तो कोई बात नहीं है, खंजर मुझे गैरों ने ही लगाया है दुख लगता है जब अपना होकर भी किसी ने मरहम नहीं लगाया है। हिम्मत सिंह writing# thinking# Punjabi poetry# Hindi poetry #Urdu poetry# दुख की तो कोई बात नहीं है, खंजर मुझे गैरों ने ही लगाया है दुख लगता है जब अपना होकर भी किसी ने मरहम नहीं लगाया है। हिम्मत सिंह