इंसानियत को शर्मशार करते आएं दरिंदे है, कूर्रता के शिकार बन रहे पशु और परिंदे है। शैतानों के हृदय में संवेदना बची न कतिपय, जीवों की नृशंस वध कर दे रहे खुद परिचय। आज निर्मम कु कृत्य से दुख गहरा छाया है, निरीह जीव को मौत का निवाला बनाया है। जिसने देखा नही जगत पल रहा था गर्भ में, दरिंदों ने मां संग उसे भी पहुंचा दिया गर्त में। नित्य दिन मानवता होती जा रही है तारतार, शैतान दोहराते जा रहे निर्मम कृत्य बार बार। हैवानों के प्रति हमें कड़ा कदम उठाना होगा, बेकसूर जानवरों को शैतानों से बचाना होगा। JP lodhi 04/06/2020 #Riphumanity