ये नए रास्ते भी कितने अजीब होते है । चलने में मजा भी आता है और चलते समय पुराने रास्तों की याद भी ।। कभी कभी सोचती हूं ये पुराना रास्ता कभी छूटता भी है क्या ? और अगर छूटता है तो ये नए रास्ते पे कश्मकश कैसी ? और कश्मकश के साथ नए रास्ते पे चलना सही है क्या ? और अगर ये सही नही तो पुराने रास्तों पे रुकना गलत क्यूं लगता है ? ये नए और पुराने रास्तों के बीच कुछ होता भी है क्या ? मंजिल मुक्कम्मल होती भी है क्या? ©Anchal Tripathi #thaughts_of_success