आज चमक तुम्हारी आंखों में कुछ अलग सी है आज चहक तुम्हारी बातों में कुछ अलग सी है देखा है बहुत अरसो बाद तुमको यूँ घूर कर फिर आज झलक तुममे तुम्हारी नही उस फलक सी है पागल दिल तो भरा और आंखे नम है तेरे हिज्र से पर जहन में ज़िंदा फिक्र और वही कलक सी है हम ज़रा अजब आशिक़ है लिखने के तुम्हारे लिए इश्क़ है ये कलम- ए- मोहब्बत फ़क़त तलग सी है हाँ। तुम मश्गूल हो जाना बेशक गैरो की तलब में अब तुममे आदतें पहले से कुछ अलग-थलग सी है 'आयु' ख्वाहिश है यादें ये बरक़रार रहे ज़न्नत तक बस इसी दुआ की मुझमे हरदम एक अलख सी है __________ 🌸🌼CHOOSE THAT ONE WHO'S CHOICE ARE YOU🌸🌼________ आदतें लग जाय करती है, दिल लग जाया करते है पर आपके बर्गशते से हम जीते जी मर जाया करते है ____________________🌸🍃__________________