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हर निर्जीव चीज, निर्जीव नहीं होती, उनमें बसते हैं,

हर निर्जीव चीज, निर्जीव नहीं होती,
उनमें बसते हैं, सूनी आंखों के कई ख्वाब,
उनमें बसती है लालसा, तृष्णा और तपस्या भी,
जैसे कि " कुर्सी"
किसी को सत्ता दिलाकर सम्मान दिलाती है , 
तो कभी इक लाचार को सहारा देती है ये कुर्सी,
किसी का पढ़ाई में, तो किसी का काम में,
घंटो साथ भी तो निभाती है  ये कुर्सी,
पर कई दफा यही किसी बेबस के फंदे पर,
झूल जाने में भी साथ निभा जाती है यही कुर्सी।।

©Monika pandey #कुर्सी_की_कहानी #positive #lifelessons 

#SAD
हर निर्जीव चीज, निर्जीव नहीं होती,
उनमें बसते हैं, सूनी आंखों के कई ख्वाब,
उनमें बसती है लालसा, तृष्णा और तपस्या भी,
जैसे कि " कुर्सी"
किसी को सत्ता दिलाकर सम्मान दिलाती है , 
तो कभी इक लाचार को सहारा देती है ये कुर्सी,
किसी का पढ़ाई में, तो किसी का काम में,
घंटो साथ भी तो निभाती है  ये कुर्सी,
पर कई दफा यही किसी बेबस के फंदे पर,
झूल जाने में भी साथ निभा जाती है यही कुर्सी।।

©Monika pandey #कुर्सी_की_कहानी #positive #lifelessons 

#SAD