Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक है छज्जा रहता घर में मुझे बुलाये अपने पास कोई

एक है छज्जा रहता घर में  मुझे बुलाये अपने पास 
कोई चाह नही है जिसको  कोई नहीं है जिसको आस 

चौड़ाई में दबा-दबा और आसमान में खुला-खुला 
फर्श है उसका ऐसा जैसे बिछी हुई जंगल में घास 

खुला हुआ ऐसा दिल वाला  जो खोल मेरा अन्तरमन दे
इसमें बैठूं आग में धधकूं और बुझाऊं अपनी प्यास 

हरइक बात पे राज़ी है वो इतना खुला हुआ अहसास 
झूल रहा हूँ इसमें बैठा ज्यों पेड़ की टहनी पे हो वास 

ये मुझको क्या कुछ ना देता बदले में कुछ रखे ना आस 
ओ छज्जे! मैं हारा तुझसे तू हरदम है जीत के पास । Chajja
#NaveenMahajan
एक है छज्जा रहता घर में  मुझे बुलाये अपने पास 
कोई चाह नही है जिसको  कोई नहीं है जिसको आस 

चौड़ाई में दबा-दबा और आसमान में खुला-खुला 
फर्श है उसका ऐसा जैसे बिछी हुई जंगल में घास 

खुला हुआ ऐसा दिल वाला  जो खोल मेरा अन्तरमन दे
इसमें बैठूं आग में धधकूं और बुझाऊं अपनी प्यास 

हरइक बात पे राज़ी है वो इतना खुला हुआ अहसास 
झूल रहा हूँ इसमें बैठा ज्यों पेड़ की टहनी पे हो वास 

ये मुझको क्या कुछ ना देता बदले में कुछ रखे ना आस 
ओ छज्जे! मैं हारा तुझसे तू हरदम है जीत के पास । Chajja
#NaveenMahajan