मुझे यूँ बीच राह छोड़ के जाने वाले , ये बता दे कि मैं अब तुझको भुलाऊँ कैसे, तेरे आने से जो अरमान दिल के जाग उठे, तेरे जाने पे मैं अब उनको सुलाऊँ कैसे । मेरी आँखों में बस इक़ तेरी ही तस्वीर बसी, तेरी यादों से दिल ये रोज़ ही दहकता है, तेरी ख़ुश्बू मेरी हर सांस में समायी है, तेरी ख़ुश्बू से घर ये आज भी महकता है । कई बरसों से मुझे नींद भी नही आयी, कई बरसों से दिल ये बेकरार मेंरा है मेरी आँखें भी इक़ अरसे से मुंतज़िर तेरी मेरी आँखों को भी बस इंतज़ार तेरा है ।