होंठो पर फिर से गीत सजे आंखों में मुस्कराहट आई है श्रांति से बोझिल पलकें पर पैर थिरकते थे उसके एक मौनकाल था बीत गया फिर पिय की बाहों में आई है पलकों पर शाम सजाई है, मन में ख़ुशबू लहराई है... #पलकोंपरशाम #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi