I want our India... जब तक जातिविहीन, समतामूलक समाज की स्थापना नही हो जाती 15 अगस्त को प्राप्त स्वतंत्रता का कोई महत्व नही है। ©Anil Ray बादशाह-ए-कलम...✍🏻 दुनिया की प्रत्येक विचारधारा ने लाखों-करोड़ो मानवों का रक्त बहाकर एक रक्तरंजित बाढ में स्वयं के वज़ूद को स्थापित किया। सत्ता की लालसा और शक्ति के प्रत्येक शब्द के पीछे असंख्य लोगों का हाहाकार, अनाथों की करुण चीत्कार एवं विधवाओं का दयनीय अश्रुपात सदैव विद्यमान रहा है। इनका प्रधान कारण विचारधारा को ताकत (तलवार) के बल पर स्थापित करना रहा है। इन सबसे अलग कलम के बादशाह विश्व रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी ने कलम को हथियार बनाकर वैचारिक क्रांति द्वारा समता, स्वतंत्रता, बन्धुता, न्याय और मानव मात्र के प्रति करुणा-प्रेम जाग्रत कर हजारों-हजारों वर्षो की दासता से गुलामी की जंजीरो से त्रस्त मानवता को शोषण के शास्त्र एवं शस्त्र से आजाद कर जिस मानवतायुक्त अम्बेडकरवाद (विचारधारा) से सम्पूर्ण विश्व को जो मानवतावादी पथ दिया है उसके लिए मानव समाज सदैव 'बाबा साहेब' का कर्जदार रहेगा। हे! कलम के बादशाह आपको प्रत्येक सांस से बारम्बार नमन🙏🏻 ❤️मत भूलो भीम महान को जाना सागर पार है। जीवन है बस छोटी सी नैया