मुझसे पूछती वो, ''तुम्हे मुझमें ऐसा दिखता क्या है ? इतने करीब हमारे रह कर मिलता क्या है ? हमसे बातें करने को इतने आतुर क्यों हो ? चुप क्यों हो बोलो ! मुझमे ऐसा क्या है ? '' हमारा जवाब ~ उन्हें दे नहीं पाए, हो सके तो कोई उन्हें बताये ( In Caption ) कब क्या ही हम हम बताये, कितने वो खास है ! उनकी हर अदाएं में अगल ही जज्बात है। जिस पल में वो हो बात उनसे, वो पल एक दसक समान है । अब कोन समझाए उन्हें वो हमारे लिए कौन है ओर क्या है । ........ समझ तो गए होंगे, क्या बात है, क्या खास है, उन्ही से ही हमारे ये अल्फ़ाज़ है ।।