Nojoto: Largest Storytelling Platform

झूँठ-झूँठ चिल्ला रहे,झूँठों के सरताज। झूँठा जिसे ब

झूँठ-झूँठ चिल्ला रहे,झूँठों के सरताज।
झूँठा जिसे बता रहे,हो जायेगी खाज।।
हो जायेगी खाज,प्रभू की महिमा अइसी।
ज्यादा झूँठ न बोल,होय फिर ऐसी तैसी।।
झूँठ-झूँठ पर झूँठ,कभी भी टिका रहे ना।
सिक्का-सिक्का होय,खोट का कभी चले ना।।

भारत भूषण झा"भरत"
झूँठ-झूँठ चिल्ला रहे,झूँठों के सरताज।
झूँठा जिसे बता रहे,हो जायेगी खाज।।
हो जायेगी खाज,प्रभू की महिमा अइसी।
ज्यादा झूँठ न बोल,होय फिर ऐसी तैसी।।
झूँठ-झूँठ पर झूँठ,कभी भी टिका रहे ना।
सिक्का-सिक्का होय,खोट का कभी चले ना।।

भारत भूषण झा"भरत"