एक ओहदा है तेरी बातों का जिनपर मगरूरी दिखाई गई वो पहली मुलाकात कुछ अचकचे में मनाई गई मैं रही खुदगर्जी में और तुमने सिर्फ मेरी खैर मनाई धीमी सी आँच पर माध्यम सी चाशनी होले होले अनुभव से वो सांझ सजाई गई #NojotoQuote