मेरा हिस्सा उसका प्रेम यूंह तो दिखता है वो मुझसे कुछ जुदा जुदा सा, पर उसके प्रेम से मैं कुछ इस तरह हूं जुड़ा जुड़ा सा। कोई भी बता दें हम दोनों में एक थोड़ा सा भी फर्क, क्योंकि मेरा हिस्सा उसका प्रेम और उसका हिस्सा मेरा प्रेम सा। मेरे प्यार देवांशी, मानता हूं तेरी भी कुछ मजबूरीयां रहती है, तभी तो तु आज मेरे साथ नहीं होती है। दिल से चाहता हूं यह दूरीयां मिट जाए, पर उसके लिए में खुदा से भी लड़ जाऊं। तेरे प्यार पर बस अब एक हक मेरा है, वरना इस जहाँ में मेरा होना ना होने जैसा है।