ख़्वाहिशों की परतों को हटाकर तो देखो सो रही तमन्नाओं को जगाकर तो देखो ज़िन्दगी मशीन नहीं जो भावनाओं से परे हो मुकम्मल कभी चाहतों को बनाकर तो देखो. ©malay_28 #जी लो