'आंसू' /'Aansoo' 📝📝 आंसू क्या है? इसे बोझ कहना उचित होगा? क्योंकि कुछ बूँदे गिरते ही दिल हल्का हो जाता है, या इसे एक माध्यम कहें दिल की कसक को जताने वाला ना किसी को सही गलत बताने वाला बिना अल्फाज के ही बहुत कुछ कह जाने वाला यही तो है आंसू। दो ही बूंद हैं मगर उनकी गहराई बहुत है, आंखें वही हुआ करती हैं जिनसे बेज़बान आंसू नजर में आते हैं, कभी हंसते हुए तो कभी ना हंसते हुए,,, कोई आस बची टूट जाए बीच सफर में हमसफर छूट जाए मगर सभी छुपाते हैं आंसू कि कोई भी ना उनका सबूत पाए... कभी - कभी तो ये बेवजह आ जाते हैं नासमझी बात को समझा जाते हैं... असर बाकी होता है अक्सर और वो किसी का कहां जाता है? बात-बात आंसू आ जाया करते थे बचपन में कभी-कभी आंसू आते थे लड़कपन में जैसे सूख से गये हैं आंसू या भूल गए हैं आंसू जो आते नहीं अक्सर आंखियों के आँगन में यहाँ तो आंसू बेबात ही बहा करते हैं अफवाह फैली है कि आंसू जज्बात बयां किया करते हैं कोई जानता नहीं कोई मानता भी नहीं आंसू गम का या खुशी का ये तो हम अपने से कहा करते हैं... ©Kumar Mohit - Maahi #Aansoon! #sunkissed © माही|Maahi . #ShayarMaahi