रात सपनो में आने लगी है निंद अब मेरी चुराने लगी है ख्वाब मीठे मीठे दिखाने लगी है रतजगा मुझे कराने लगी है मुझे अपना बताने लगी है हक़ अपना जताने लगी है प्यार से बतियाने लगी है अब हर बातों पर रूठ जाने लगी है भूपेंद्र रावत रात सपनो में आने लगी है निंद अब मेरी चुराने लगी है ख्वाब मीठे मीठे दिखाने लगी है रतजगा मुझे कराने लगी है मुझे अपना बताने लगी है हक़ अपना जताने लगी है