को अब फिर से हसाना भी है, इन दुखों को थोड़ा सताना भी है,, माना की गिरेंगे कहीं, थोड़े से घाव ही सही, पैरों में पंख लगाना भी है,, लड़ेंगे अजल तक, हवाओं का पानी पी के, फिजाओं में अब अबीर उड़ाना भी है,, नशों में लाल बहाव है, अब कैफ ही सिर्फ पड़ाव है, ये बतलाना भी है,, रूठी रूठी जिंदगी, को अब.... ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1114 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ इस महीने दिल खोलकर लिखें। 😊 #रूठीरूठीज़िन्दगी #मुख्यप्रतियोगिता #KKC1114 #YQDIDI #कोराकाग़ज़ #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़