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कयामत का दिन था जब देखा सूरत ए ज़ेबा, आरिज -ए - ना

कयामत का दिन था जब देखा सूरत ए ज़ेबा,
आरिज -ए - नाजुक घने  गेसुओं का  पहरा ,
लब-ए- जू  उस पर अधरों पर तीखी सी हंसी,
फ़कत इतना हैं,नखरा उनका जौक-ए- शराब। सूरत ए ज़ेबा: सुंदर चेहरा
आरिज -ए - नाजुक: कोमल गाल
लब-ए- जू: eyes Paradise as lake
जौक-ए- शराब: taste of wine

♥️ Challenge-541 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)
कयामत का दिन था जब देखा सूरत ए ज़ेबा,
आरिज -ए - नाजुक घने  गेसुओं का  पहरा ,
लब-ए- जू  उस पर अधरों पर तीखी सी हंसी,
फ़कत इतना हैं,नखरा उनका जौक-ए- शराब। सूरत ए ज़ेबा: सुंदर चेहरा
आरिज -ए - नाजुक: कोमल गाल
लब-ए- जू: eyes Paradise as lake
जौक-ए- शराब: taste of wine

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mrsrosysumbriade8729

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