कीजिये कुछ ऐसी तरक़ीब, कि तक़दीर सँवर जाए। आपकी दुआ गर मिलती रहे, ये जीवन सुधर जाए। होंठों पे मुस्कान लिए, मैं उम्र भर भटकता रह गया। मिली न कोई आस मुझे, कि ये जीवन निखर जाए। खुद की कोशिशों से अब मैं, हार सा गया हूँ दोस्त। मुकाम न मिला मुझे कोई, कहो अब हम किधर जाए। दुनिया से अब आस नहीं मुझको, खुद भी टूट गया हूँ। उम्मीद की कोई किरण कहीं, मुझे छूकर गुज़र जाए। ऐ काश दुआ हो पूरी तुम्हारी, तुमको कामयाबी मिले। उन्हीं दुआओं के साथ कहीं, मेरी तक़दीर सँवर जाए। ♥️ Challenge-654 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।