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भगवा पहन कर ख़ून बहाया है हरा पहन कर पुण्य कमाया ह

भगवा पहन कर ख़ून बहाया है
हरा पहन कर पुण्य कमाया है 

हिन्दी बोल कर कहानी सुनाई है 
उर्दू पढ़ कर तालियां बजवाई है 

कवि हूँ साहब 

ना धर्म का हूँ ना मानता हूं 
ये स्याही दिल को छू जाए 
बस उस मजहब को जानता हूँ #kavita #kahani #shayari #poem #dharm #hindu #muslim
भगवा पहन कर ख़ून बहाया है
हरा पहन कर पुण्य कमाया है 

हिन्दी बोल कर कहानी सुनाई है 
उर्दू पढ़ कर तालियां बजवाई है 

कवि हूँ साहब 

ना धर्म का हूँ ना मानता हूं 
ये स्याही दिल को छू जाए 
बस उस मजहब को जानता हूँ #kavita #kahani #shayari #poem #dharm #hindu #muslim