आंदोलनों से निकला था सवा मनी बकरा जो, देखते ही देखते डेढ क्विंटल का हो गया। कर के कपट सारा माल गया झपट और, बता के चोर दूसरो को खुद गंगाधर हो गया। आया जो चुनाव फिर भूला वो सवाल सारे, थूका हुआ अपना वो चाटना शुरू हो गया। फिरते थे सेक्यूलरिजम के चोगे मे अब तक, वोटो के लिए हिंदू मुसलमान हो गया। बना ना पाए दिल्ली को शंघाई, और बाते करते थे ये इल्ज़ाम भी उनका मोदी जी के सर हो गया। कर के बवाल 4 साल से बनाया जनता का पोपट, जनता ने भी ले लिया नेता जी को दे रैपट दे रैपट। कल फिर से एक नेता जी को जनता का तमाचा पड़ा है। देखिए मैं राजनीति में हिंसा का समर्थन नहीं करता परंतु जनता का रोष जायज होता है। आम आदमी की तकलीफों से दूर ये नेता लोग अपने कान बंद कर जनता के पैसे ऐश उड़ाते हैं और फिर जनता के मसीहा होने का ढोंग करते हैं। और खैर इन जैसे नेता का ढोंग जनता पिछले 5 साल से देख रही है। काश इन्हें किसी तरह सद्बुद्धि आए। #थप्पड़ #slap #politics #राजनीति #public #जनता #चुनाव #election