ऊंची ऊंची इमारतों से झांक रही एक नज़र कोई , ख़्वाब पूरा करने निकला हों जैसे इस शहर में हर कोई , मुश्किलें थमने का नाम ना ले पर चलते गया यह हर राही , जो रुक गया वो अपने गांव लौट गया, ठहराव मानो इस शहर का दस्तूर ही नही मंजिले मुक्कमल कर पाने का जज्बा यहां, जो कर पाया वही तोह जिया मुंबई । ©Dr.Javed Sikandar #Mumbai#dreamcity#love#work#citylove