कॉलेज वाली चाय की टपरी, याद है वो गुड्डू की चाय की टपरी जहां मै तुम्हारा घंटो इंतज़ार करता था तुम बालों को अपने झटकते हुए मेरे बगल से गुजर जाती थी वो नैनों का मिलना और बातों का बढ़ना लगता था जैसे मैंने जहां पा लिया है वो चाय पर घंटो तक चर्चाएं करना लहजे मे रह कर के बाहों मे भरना आज वक्त को बीते अरसा हो गया है वो ईश्क न जाने कहां खो गया है अब तो इश्क की बाते भी जिस्मों से होती हवस मे ये कहा खो गया है #CollegeKiChai #ईश्क #love #शायरी #हवस #प्यार #जिंदगी #कविता