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कलम भी मुझसे आज बेवफाई कर रही है ,, लिख रहा हूं मो

कलम भी मुझसे आज बेवफाई कर रही है ,,
लिख रहा हूं मोहब्बत तो रुसवाई लिख रही है।

चोंट इतनी खाई ठोकते भी बेहिसाब थी एवरेस्ट चढ़ना आसान, मोहब्बत की ऊंची चढ़ाई रही है ।।

कतरा कतरा लहू लुहान था सांसों में आहोँ का आशियाना ,पैदल चलते रहें हम अंधा ये ज़माना ,,

गिर गया धरातल में आंखों से पानी छलक पड़ा ,
जब कहने लगें कविता में बेकार सब पढ़ाई रही है ।।

©ठाकुर वीर सिंह सेंगर
  #walkingalone ₗₒᵥₑ ᵢₛ ₗᵢfₑ shalini singh sakshi CHAUHAN Anshu writer
कलम भी मुझसे आज बेवफाई कर रही है ,,
लिख रहा हूं मोहब्बत तो रुसवाई लिख रही है।

चोंट इतनी खाई ठोकते भी बेहिसाब थी एवरेस्ट चढ़ना आसान, मोहब्बत की ऊंची चढ़ाई रही है ।।

कतरा कतरा लहू लुहान था सांसों में आहोँ का आशियाना ,पैदल चलते रहें हम अंधा ये ज़माना ,,

गिर गया धरातल में आंखों से पानी छलक पड़ा ,
जब कहने लगें कविता में बेकार सब पढ़ाई रही है ।।

©ठाकुर वीर सिंह सेंगर
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