White आत्महत्या के ठीक पहले लोग क्या सोचते होगे ? आख़िरी सोच सोचते होंगे, कि शायद ये रात आख़िरी है, या शायद सुबह अब आएगी ही नहीं..... शायद यादों की गठरी को खोलते होंगे, कभी हंसते होंगे, कभी रोते होंगे..... वो गलियाँ, वो चेहरे, वो बातें -सब आँखों में किसी फ़िल्म की तरह चलते होंगे.... क्या कोई रोक लेगा, क्या कोई पुकारेगा नाम ? या बस एक ख़ामोशी होगी, जो निगल जाएगी हर इल्ज़ाम? शायद सोचते होंगे, कि अगर एक मौका और होता, अगर कोई हाथ थाम लेता, अगर कोई कहता-तू ज़रूरी है!" पर अब अंधेरा बढ़ चुका है, और कदम रुकने को तैयार नहीं, शायद कहीं कोई उम्मीद होगी, पर इस दिल को अब एतबार नहीं। इतजार रहेगा मुझे अब उस पल और उस दिन का जब लोग मुझे चार कंधो पे लेकर जाएंगे ✍️ ©Mukund jha Mj आत्महत्या के ठीक पहले लोग क्या सोचते होगे ?