मैं उसे देख इंतजार करता रहा तेरा कोई मैसेज ना आया रहा । अनोखी रात थी, हलचल दोनो और जोरदार थी, तेरे बस एक हां के इंतजार में पूरी रात में जगा रहा, सुबह तक बैठा रहा पर कोई परिंदा ना आया रहा ।। बस रात भर एक चांद का साया रहा ।। ।। ©Anshul Gautam चांद का साया