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ये ज़िंदगी अधूरी सी लगने लगी थी बिन तेरे ख्वाब भी

ये ज़िंदगी अधूरी सी लगने लगी थी बिन तेरे 
ख्वाब भी पूरे न हो सके बिन तेरे 
तेरे साथ से मैं खुद को जिंदा पाता था
 तेरी आंखो में देख कई सपने सजाए थे मैनें
बिन तेरे कुछ भी पूरा नहीं लगता 
ये दिन और रात अब कुछ अच्छा नहीं लगता 
 बिन तेरे ये शामें भी बेगानी सी लगती है 
जो कह न सका वो बेजुवानी सी लगती है 
तू मुझ में और मैं तुझ में
बिन तेरे ये रूह भी मुझ से रूठी है 
बिन तेरे बिन तेरे।

©KulDeep Vermaa
  Bin tere 
#Poetry #urdu

Bin tere Poetry #urdu

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