हिमालय की चोटी पर भी जात का खूँटा गाड दो, आरक्षण है जी, चलो कहीं हवाएं बांट दो, कहीं नदियों की दिषाएं बांट दो । बच जाए कुछ बुंद पानी की अगर,वो भी छांट दो, आरक्षण है जी, मेरी भूख,मेरी प्यास बांट दो, सपने मेरी जात मे कहाँ?जाओ मेरे ख्वाब बांट दो । मेहनत करके क्या करें,चलो मेरे हाथ काट दो, आरक्षण है जी, सरकारी दफ्तरों की कुर्सी बांट दो, ताले लगा दो न्यायालयों पे,इंसाफ की देवी की मुर्ती बांट दो ।। #yq #yqdidi #yqbaba #reservation #aarakshan #hindipoetry #yqbhaijaan #yqhindi #followme