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लब्ज़ छूने का सलीक़ा एहसास के वो रंग आँखों में उमड़ते

लब्ज़ छूने का सलीक़ा
एहसास के वो रंग
आँखों में उमड़ते हुए
बादल हवा के संग
देखेंगे बोलो 
कैसे भला फिर हम
मौसम वो रूह का
रूमानियत की वो तरंग
कह दें ये बात यों तो
चश्मे तलब का क्या करेंगे हम
जो दरम्याँ न होगे तुम
वो लम्हा ग़ुलाबी कैसे जिएँगे हम #waitingfor#imagination#yqlove#yqhindi
लब्ज़ छूने का सलीक़ा
एहसास के वो रंग
आँखों में उमड़ते हुए
बादल हवा के संग
देखेंगे बोलो 
कैसे भला फिर हम
मौसम वो रूह का
रूमानियत की वो तरंग
कह दें ये बात यों तो
चश्मे तलब का क्या करेंगे हम
जो दरम्याँ न होगे तुम
वो लम्हा ग़ुलाबी कैसे जिएँगे हम #waitingfor#imagination#yqlove#yqhindi