निहायत ही ज़लील शख़्स है वो जिसे "हक़ और सच" पता हो लेकिन अपने ज़ाती मफ़ाद के लिये झूट के साथ खड़ा हो- ©Sarfaraj idrishi Islam Abdhesh prajapati निहायत ही ज़लील शख़्स है वो जिसे "हक़ और सच" पता हो लेकिन अपने ज़ाती मफ़ाद के लिये झूट के साथ खड़ा हो-