कहो तो उलझे बिखरे गेसूओं को ऊँगलियों की कंघी दे दूँ अविजित तुम्हारे नैनों को परिस्थिति कोई जंगी दे दूँ बड़ी उदास - उदास नजर होती है इन होठों की ललाई कहो तो इनसे दूर इनके आलिंगन को बिछड़े संगी दे दूँ!! कह दो तो पुच्छल तारे जैसी भृकुटियों को कार्य कोई अनुषंगी दे दूँ तुम्हारी असंख्य तस्वीरों में से तस्वीर कोई दिल पर टंगी दे दूँ बड़ी अशांति मचा रखी है कुछ दिनों से आँखों की स्याह धार ने कहो तो थोड़ी खलबली को इन्हें भी कोई मरीचि भंगी दे दूँ!! बड़ी पुरानी हुई नथ को सितारा कोई सतरंगी दे दूँ बिंदिया-टिकिया सब व्यर्थ बाते कहो तो आफताबी कलंगी दे दूँ बड़ी उदास - उदास नजर होती है इन होठों की ललाई कहो तो इनसे दूर इनके आलिंगन को बिछड़े संगी दे दूँ!! कहो तो दे दें..? जंगी- युद्ध वाली ललाई- लाली भृकुटी- eyebrow अनुषंगी- कार्य जिसका कोई परिणाम निकले मरीचि- किरण,ray भंगी- भंग करने वाली