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सुनो, एक खत लिख रही हूँ आज तुम्हें ,जो शायद बरसों

सुनो, 
एक खत लिख रही हूँ आज तुम्हें ,जो शायद बरसों पहले लिखा जाना चाहिए था। हाँ मानती हूँ कि अब बहुत देर हो गई है और इस खत की भाषा भी बदल चुकी है। मगर अंतिम बार कुछ लिखना चाहती हूँ। आज फुर्सत के समय में  पुरानी अलमारी साफ कर रही थी तो वहाँ मिली पुरानी डायरी के पन्नों के अंदर कुछ सूखे गुलाब और पुराने पत्रों को देखा।जो  किसी गुज़री दास्तान की याद दिलाते हैं।यूँ तो मन नहीं माना फिर भी हिम्मत कर उठा रही हूँ कलम। मैं खुश हूँ अपनी नई दुनिया में , मगर एक हूक उठती है पुराने दिनों को याद करते हुए। अब जबकि मैं अपने वर्तमान में खुश रहना चाहती हूँ तो मैंने सारे पत्रों और डायरी को तिलांजलि देकर और तुम्हें ये पत्र लिखकर निभा दी है आख़िरी रस्म। ताकि फिर किसी हिचकी पर मुझे तुम्हारा ख़याल ना आए, ताकि फिर किसी बारिश में तन को भिगा कर मेरा मन सूखा ना रह जाए , ताकि फिर किसी जन्म मैं प्रेम करने की धृष्टता ना कर पाऊँ। 

                                                                                                 अब शायद किसी और की    
                                                                                                            अनाम #lettersforप्रिय
सुनो, 
एक खत लिख रही हूँ आज तुम्हें ,जो शायद बरसों पहले लिखा जाना चाहिए था। हाँ मानती हूँ कि अब बहुत देर हो गई है और इस खत की भाषा भी बदल चुकी है। मगर अंतिम बार कुछ लिखना चाहती हूँ। आज फुर्सत के समय में  पुरानी अलमारी साफ कर रही थी तो वहाँ मिली पुरानी डायरी के पन्नों के अंदर कुछ सूखे गुलाब और पुराने पत्रों को देखा।जो  किसी गुज़री दास्तान की याद दिलाते हैं।यूँ तो मन नहीं माना फिर भी हिम्मत कर उठा रही हूँ कलम। मैं खुश हूँ अपनी नई दुनिया में , मगर एक हूक उठती है पुराने दिनों को याद करते हुए। अब जबकि मैं अपने वर्तमान में खुश रहना चाहती हूँ तो मैंने सारे पत्रों और डायरी को तिलांजलि देकर और तुम्हें ये पत्र लिखकर निभा दी है आख़िरी रस्म। ताकि फिर किसी हिचकी पर मुझे तुम्हारा ख़याल ना आए, ताकि फिर किसी बारिश में तन को भिगा कर मेरा मन सूखा ना रह जाए , ताकि फिर किसी जन्म मैं प्रेम करने की धृष्टता ना कर पाऊँ। 

                                                                                                 अब शायद किसी और की    
                                                                                                            अनाम #lettersforप्रिय