Nojoto: Largest Storytelling Platform

रफ़्ता रफ़्ता वो मिरी हस्ती का सामाँ हो गए पहले जा

रफ़्ता रफ़्ता वो मिरी हस्ती का सामाँ हो गए
पहले जाँ फिर जान-ए-जाँ फिर जान-ए-जानाँ हो गए

दिन-ब-दिन बढ़ती गईं उस हुस्न की रानाइयाँ
पहले गुल फिर गुल-बदन फिर गुल-बदामाँ हो गए

आप तो नज़दीक से नज़दीक-तर आते गए
पहले दिल फिर दिल-रुबा फिर दिल के मेहमाँ हो गए

प्यार जब हद से बढ़ा सारे तकल्लुफ़ मिट गए
आप से फिर तुम हुए फिर तू का उनवाँ हो गए
#तस्लीम फ़ाज़ली

©साहिर उव़ैस sahir uvaish
  #Sukha #तस्लीम_फ़ाज़ली