शीर्षक - ये दिन बदलेंगे, एक दिन वो भी आएगा, जब पीड़ाएं एक हद्द पर आकर टूटेगी, अंतर की ज्वाला फूटेगी, तब सामर्थ्य अपने चरम होगा, उस दिन सूर्य उदय अलग होगा, रातों का अंधेरा छंट जायेगा, एक दिन वो भी आएगा, तब वो दिन आज से अलग होंगे, पीड़ाओं से कटे होंगे, हम बेहतर कल को खोजेंगे, ये दिन भी आखिर बदलेंगे.. ये दिन भी आखिर बदलेंगे! ©Artist Rahul poetries ये दिन बदलेंगे!