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The story is, जिस तरह बे मौसम बारिश सूखे पत्तों पे

The story is, जिस तरह बे मौसम बारिश सूखे पत्तों पे आवाज़ करती है,
तुम आजकल बिन बोले मुझसे इस तरह बात करती हो,
ना पता है तुमको मेरी परेशानी का ना ही मेरे दिल की हालत का,
मैं ऐसा क्यों हो रहा हूँ यह सवाल भी नहीं करती हो,
तुम्हें फ़िक्र रह गयी है अपनी और शायद सिर्फ़ अपनी,
क्यों नहीं इस रिश्ते से निकल कर पहली सी मुलाक़ात करती हो,
बहुत दिन हो गये मुझको दोपहर की नींद से जगाए,
क्यों नहीं मेरे कानो में आकर कोई शरारत वाली बात करती हो,
एक वक़्त था जब हम तुम थे सुख दुख के साथी,
क्यों नहीं तुम मुझको समझा कर एक नयी शुरुआत करती हो,
सूखे पत्तों की खरखराहट सी तुम मुझसे बात करती हो,
मैं बहुत उदास हो जाता हूँ जब तुम मुझसे इस तरह बात करती हो.. jis  tarah.....barish....
The story is, जिस तरह बे मौसम बारिश सूखे पत्तों पे आवाज़ करती है,
तुम आजकल बिन बोले मुझसे इस तरह बात करती हो,
ना पता है तुमको मेरी परेशानी का ना ही मेरे दिल की हालत का,
मैं ऐसा क्यों हो रहा हूँ यह सवाल भी नहीं करती हो,
तुम्हें फ़िक्र रह गयी है अपनी और शायद सिर्फ़ अपनी,
क्यों नहीं इस रिश्ते से निकल कर पहली सी मुलाक़ात करती हो,
बहुत दिन हो गये मुझको दोपहर की नींद से जगाए,
क्यों नहीं मेरे कानो में आकर कोई शरारत वाली बात करती हो,
एक वक़्त था जब हम तुम थे सुख दुख के साथी,
क्यों नहीं तुम मुझको समझा कर एक नयी शुरुआत करती हो,
सूखे पत्तों की खरखराहट सी तुम मुझसे बात करती हो,
मैं बहुत उदास हो जाता हूँ जब तुम मुझसे इस तरह बात करती हो.. jis  tarah.....barish....

jis tarah.....barish.... #Shayari