आंधियो से लड़ते हुए, चिराग को देखा है। सूरज सा जलते हुए, माहताब को देखा है। चल उठ अरे! नादां, तू निराश क्यों है? 'पाखी' है तू, तूने आकाश को देखा है। #shatyagashi #pakhi #motivational