थक कर टूट नहीं सकता हूँ मुझको श्रम का अर्थ पता है जीने की इच्छा कर देगी हर मुश्किल को व्यर्थ; पता है मेरे हाथों की रेखाओं में इतनी कठिनाई क्यों है निश्चित मानो, भाग्य विधाता को मेरा सामर्थ्य पता है ©Nilesh Dwivedi #Trees