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चांद पे नज़र थी ,रात गहरी थी तुम्हें सोचा तब तीसर

चांद पे नज़र थी ,रात गहरी थी 
तुम्हें सोचा तब तीसरी पहरी थी।।

©Ravi Sharma
  #ManKeUjaale चांद पे नज़र थी ,रात गहरी थी 
तुम्हें सोचा तब तीसरी पहरी थी।।
ravisharma5699

Ravi Sharma

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#ManKeUjaale चांद पे नज़र थी ,रात गहरी थी तुम्हें सोचा तब तीसरी पहरी थी।। #लव

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