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मै बालक अज्ञानी यही गोहराता हूं हो न भूल हमसे यही

मै बालक अज्ञानी यही गोहराता हूं
हो न भूल हमसे यही विनीती लेकर 
तेरे दर पर आता हूं,बाबा आपके चरणों में
बारम बार शीश नवाता हूं।।

©लेखक ओझा
  शिवरात्रि

शिवरात्रि #Quotes

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