बचपन के सपने पुराना इश्क़ को पुरसत से याद करते हे .... कुछ अधूरे ख्वाब और अधूरेपन में खुद को सबरते हे... नादाँ थे हम गलतिया तब ही तो करते थे... वो वक्त जन्नत था उम्र के साथ चलते हुए फिर सपनो की जमीं पर उतरते हे ..... ©G0V!ND DHAkAD #BachpanKeSapne