एक 'नई कहानी' की शुरुआत हो गयी तुमसे आँखों ही आँखों में मेरी,हर बात हो गयी तुमसे दिल सूखाग्रस्त था मेरा,दिल की ज़मीन बंजर थी तुम आ गई तो 'चाहत' की बरसात हो गयी तुमसे --प्रशान्त मिश्रा "बरसात हो गयी तुमसे"