ए दिल अब न याद कर, गुज़री कहानियाँ। अश्क़ों मे डूब जाने दे, अपनी निशानियाँ। इश्क़ का जादू , सर चढ कर बोलता है, लुट जाती हैं इस ख़ेल मे, ज़िन्दग़ानियाँ। यह शै बुरी बला है, कहते हैं जिसे इश्क़, बर्बाद कर चुका है , ये कितनी जवानियाँ। कोई फर्क़ नहीं पड़ता , ज़ालिम ज़माने को, चाहे कोई दे दे , कितनी ही क़ुरबानियाँ। समझा कर सब इसे , थक गए "फिराक़", करता है दिले-नादां, फिर भी नादानियाँ। OPEN FOR COLLAB✨ #ऐदिल • A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ Collab with your soulful words.✨ • Must use hashtag: #aestheticthoughts • Please maintain the aesthetics.